इंदौर का 47 करोड़ का फ्लाईओवर 6 महीने में जर्जर
इंदौर | ग्राउंड रिपोर्ट
राऊ सर्कल पर 47 करोड़ की लागत से बना 1.2 किमी लंबा फ्लाईओवर सिर्फ 6 महीने में ही जगह-जगह से उखड़ गया है। दोनों ओर गड्ढों की भरमार है, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है। बीते 15 दिनों में यहां 10 से ज्यादा हादसे हो चुके हैं, जिनमें एक युवक की मौत भी हो चुकी है।
गड्ढों पर पेविंग ब्लॉक से जुगाड़
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इंदौर से पीथमपुर/महू की ओर जाने वाले हिस्से में शुरुआत से ही डामर पूरी तरह उखड़ चुका है।
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बीचों-बीच छोटे गड्ढों को पेवर ब्लॉक लगाकर भरा गया, लेकिन वाहनों का बैलेंस बिगड़ रहा है।
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दूसरी ओर बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिनमें टायर फंसते ही वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं।
पीथमपुर-महू से इंदौर की तरफ और भी बुरा हाल
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शुरुआत में ही बड़ा गड्ढा है, जिसे पेवर ब्लॉक से भरा गया था, लेकिन दोबारा गड्ढा बन गया।
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बीचों-बीच करीब 100-125 मीटर लंबा हिस्सा गड्ढों से भरा है।
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ब्रिज से उतरते समय डामर पूरी तरह से गायब है, जिससे सबसे ज्यादा हादसे हो रहे हैं।
सर्विस रोड की हालत भी बदतर
फ्लाईओवर से सटी सर्विस रोड पर भी 5-5 फीट चौड़े गड्ढे हैं। बारिश का पानी भरने से गड्ढे नजर नहीं आते और छोटे वाहन इनमें फंस जाते हैं। रोजाना 2-3 वाहन चालक हादसे का शिकार हो रहे हैं।
नेताओं की प्रतिक्रिया
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विधायक मधु वर्मा: “एनएचएआई और निर्माण एजेंसी को बोल दिया है, जल्द पेंचवर्क शुरू होगा।”
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सांसद शंकर लालवानी: “सात माह में गड्ढे बनना गंभीर है। मैंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर जांच की मांग की है।”
👉 सवाल उठ रहा है कि 47 करोड़ की लागत से बना फ्लाईओवर महज 6 माह में क्यों उखड़ गया? क्या निर्माण में गड़बड़ी हुई या जिम्मेदार एजेंसी की लापरवाही है?
